फ्रांस की क्रांति

  • यह 1789 से 1799 तक चली। इस दौरान फ्रांस में शाही और धार्मिक इसाबत का अंत हो गया और फ्रांस एक गणतंत्र बन गया।
  • क्रांति के प्रमुख कारण थे- गहरी जातीय तथा आर्थिक असमानता, आर्थिक संकट और सत्तारूढ़ वर्ग (किसान और श्रमिक वर्ग) का उत्पीड़न।
  • क्रांति का मुख्य नारा था 'स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व'। इस दौरान बास्टिले (Bastille) की कोठार (storage) को तोड़ा गया और आम लोगों को राजनीति में भाग लेने का अधिकार प्राप्त हुआ।
  • क्रांति की राजनीतिक अवधि में राष्ट्रीय सभा, उसके बाद कंवेंशन (Convention) और फ्रांसीसी कांसुलर (consular) सरकार बनी।
  • क्रांति के हीरो में नेपोलियन बोनापार्ट (Napoleon Bonaparte), रॉब्स्पियर (Robespierre), मिराबो (Mirabeau) और अन्य शामिल थे।
  • इसने फ्रांसीसी और वैश्विक मूल्यों पर गहरा प्रभाव डाला जो स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर केंद्रित थे।

फ्रांस की क्रांति का महत्व

  • यह विश्व में लोकतांत्रिक और राजनैतिक परिवर्तन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम थी। इसने फ्रांस का राजनैतिक ढांचा बदल दिया।
  • राजनैतिक दृष्टि से इसने 'समानता, बंधुत्व और स्वतंत्रता' जैसे नए सिद्धांतों और मूल्यों को प्रेरित किया जो नागरिकों द्वारा सरकार के गठन पर केंद्रित थे।
  • क्रांति ने मानवाधिकारों के बारे में फ्रेंच घोषणापत्र और मानवाधिकार की सार्वभौमिक घोषणा जारी की जिसका विश्व राजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ा।
  • अर्थशास्त्री दृष्टिकोण से इसने औद्योगीकरण का मार्ग प्रशस्त किया क्योंकि इसने संपत्ति और व्यवसाय पर वर्गीकृत सीमाओं को हटा दिया।
  • कला और साहित्य में, क्रांति ने नई कलात्मक अभिव्यक्ति के अवसर प्रदान कर सांस्कृतिक परिवर्तन को जन्म दिया।

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