11 सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) और सामाजिक अनुसंधान

परिचय:

👋 नमस्कार! आज हम बात करने वाले हैं सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) की और यह सामाजिक अनुसंधान को कैसे बदल रही है। 🔄

मुख्य बिंदु: टेक्नोलॉजी ने रिसर्च के हर पहलू को छुआ है। आइए, इसी पर थोड़ी गहराई से बात करते हैं।


📡 ICT क्या है?

परिभाषा:

  • ICT मतलब वो सारी टेक्नोलॉजी जो हमें जानकारी 📚 या ज्ञान 💡 तक पहुँचाती है
  • उदाहरण:
    • इंटरनेट 🌐
    • मोबाइल फोन 📱
    • वायरलेस नेटवर्क 📶
  • आजकल हम जो तुरंत मैसेज 💬 भेजते हैं, वीडियो कॉल 📹 करते हैं, सोशल मीडिया 🤳 यूज करते हैं, ये सब ICT का ही हिस्सा है।

📜 ज्ञान साझा करने का इतिहास

  • यह सिलसिला बहुत पुराना है: बोलने 🗣️ से लेकर लिखने ✍️ तक
  • मिस्र का पपाइरस 📜 या सुमेरियन कीलाक्षर (Cuneiform)
  • बड़ा मोड़: प्रिंटिंग प्रेस 📰 (गुटेनबर्ग वाली)।
    • योहान गुटेनबर्ग की प्रिंटिंग प्रेस (करीब 1440 में) ने ज्ञान को कुछ खास लोगों से निकालकर आम लोगों तक पहुँचा दिया। ✅
  • मास मीडिया 📻📺: रेडियो, टीवी।
    • इन्होंने सूचना और कुछ हद तक शिक्षा 🧑‍🏫 को और फैलाया।
    • भारत में उदाहरण:
      • मुंबई रेडियो क्लब (1923) 🎙️
      • बीबीसी, आकाशवाणी, ज्ञानवाणी 📻 (रेडियो का काफी अहम रोल रहा)

🖥️ कंप्यूटर और इंटरनेट का युग

  • कंप्यूटर का ज़माना 💻: चार्ल्स बैबेज (जिन्हें कंप्यूटर का पिता कहते हैं) के आईडिया से लेकर आज के स्मार्ट डिवाइस तक।
  • भारत में इंटरनेट 🇮🇳:
    • 1995 में VSNL ने आम लोगों के लिए इंटरनेट शुरू किया।
    • उससे पहले इग्नू जैसे मुक्त विश्वविद्यालय (1985 में) खुल चुके थे, जिसने ई-लर्निंग 🧑‍💻 की तरफ एक तरह से रास्ता दिखाया।

प्रभाव: इसने तो वाकई सब कुछ बदल दिया, खासकर रिसर्च में! 🤯


🧐 ICT और अनुसंधान प्रक्रिया

1. लिटरेचर रिव्यू (मौजूदा ज्ञान को समझना) 📖

  • पहले: बहुत मुश्किल काम होता था। लाइब्रेरी 🏛️ में जाना, पुरानी पत्रिकाएँ 📰 ढूंढना।
  • अब: बहुत आसान है!
    • गूगल स्कॉलर 🧑‍🎓
    • माइक्रोसॉफ्ट एकेडमिक 🎓
    • एक क्लिक पर लाखों रिसर्च पेपर! 📄
  • भारत में:
    • शोधगंगा (Shodhganga): भारतीय थीसिस का पूरा डिजिटल भंडार। 🇮🇳
  • रेफरेंस मैनेजमेंट टूल्स 🧰:
    • मेंडली (Mendeley)
    • ज़ोटेरो (Zotero) (यह रेफरेंस वगैरह संभालने में मदद करते हैं, ग्रंथ सूची/बिब्लियोग्राफी बनाने में भी मदद करते हैं। सोचिए कितना समय ⏳ बचता है!)

2. आंकड़े जमा करना (Data Collection) 📊

  • पारंपरिक तरीके: सर्वे 📝, इंटरव्यू 🗣️।
  • अब टेक-इनेबल्ड:
    • ऑनलाइन सर्वे: गूगल फॉर्म्स, सर्वे मंकी जैसे प्लेटफॉर्म से आसानी से सर्वे बनाकर भेज सकते हैं। (इनसे तो दूर-दराज के लोगों तक पहुँचना भी आसान हो गया होगा!) 🌍
    • CAPI (Computer Assisted Personal Interview): इंटरव्यू लेने वाला कागज-कलम 📝 की जगह टैबलेट 📱 या फोन 🤳 पर सीधे जवाब रिकॉर्ड करता है। (मतलब डेटा एंट्री वाला काम खत्म! काफी हद तक। गलतियाँ कम होती हैं और डेटा सीधे डिजिटल फॉर्मेट में आ जाता है।) 👍

3. डेटा एनालिसिस (Data Analysis) 📈

  • इसके लिए भी बहुत पावरफुल सॉफ्टवेयर आ गए हैं:
    • स्टैटिस्टिकल एनालिसिस: SPSS, R
    • बड़ा डेटा सेट: पाइथन में पांडास (Pandas) जैसी लाइब्रेरीज, जो पैटर्न खोजने में मदद करती हैं। 🐍
  • ये जटिल गणनाओं 🔢 को बहुत तेज 🚀 और आसान बना देते हैं।
  • आजकल कैगल (Kaggle) जैसी वेबसाइट्स पर डेटा एनालिसिस कंपटीशन 🏆 भी होते हैं।

4. रिसर्च लिखना और पब्लिश करना (Writing and Publishing) ✍️➡️🌍

  • साइटेशन: ज़ोटेरो जैसे टूल हैं ही।
  • प्लेजरिज्म (साहित्यिक चोरी) की जांच 🕵️‍♂️:
    • बहुत ही ज़रूरी है अकादमिक ईमानदारी 😇 के लिए। (किसी और का काम अपना बता देना तो गलत है!) ❌
    • सॉफ्टवेयर: टर्निटइन (Turnitin), आइथेंटिकेट (iThenticate)। ये आपके टेक्स्ट की तुलना लाखों दस्तावेजों से करते हैं।
    • भारत सरकार की पहल: "शोध शुद्धि" (Shodh Shuddhi) पहल, जिसके तहत विश्वविद्यालयों को अरकुंड (Urkund) सॉफ्टवेयर (जो अब ओरिजिनल है) दिया गया है। ✅
  • पब्लिकेशन: वो भी अब ज्यादातर ऑनलाइन होता है।
    • सही जर्नल चुनना 📰, अपनी मैन्युस्क्रिप्ट सबमिट करना 📤, उसका स्टेटस ट्रैक करना 📉 - सब ऑनलाइन।
    • भारत में: UGC-CARE लिस्ट है जो अच्छी क्वालिटी वाले जर्नल्स की पहचान में मदद करती है (यह लिस्ट भी ऑनलाइन है)। 🇮🇳

🎯 ICT का समग्र प्रभाव

  • ICT ने सामाजिक अनुसंधान की पूरी प्रक्रिया को ही बदल दिया है! 😮
  • विषय चुनने से लेकर लिटरेचर खोजना, डेटा जुटाना, एनालिसिस करना और आखिर में पब्लिश करने तक - सब कुछ तेज 💨, ज्यादा कुशल ✅ और ज्यादा सुलभ 🌐 भी।
  • इसने ज्ञान तक पहुँच को एक तरह से लोकतांत्रिक 🧑‍🤝‍🧑 बनाया है
  • दूरियाँ अब उतनी बड़ी बाधा नहीं रहीं। 🗺️
  • इसने शोधकर्ताओं के लिए नए रास्ते 🛣️ खोले हैं

🤔 भविष्य के लिए एक विचार

आज जब जानकारी इतनी आसानी से मिल रही है, तो क्या भविष्य में MOOCs (मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज) 🎓 रिसर्च स्किल्स 🧑‍🔬 को और बेहतर बनाने में कोई बड़ी भूमिका निभा सकते हैं? यह सोचने वाली बात है! 💡

शायद अगली क्रांति वहीं से आए! ✨



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