6 Evidences of Knowledge

पूरे भारतीय दर्शन में कुल छह प्रमाण (evidences of knowledge) माने गए हैं। किसी बात का evidence क्या है? कैसे साबित हुआ कि बात सही है कि गलत है? इसको बोलते हैं evidence.

  1. प्रत्यक्ष (Perception: जो दिखता है)
  2. अनुमान (Inference)
    • जैसे आप सुबह उठे, आपने देखा सड़क पर पानी भरा हुआ है, बिल्डिंग गीली दिख रही है। आपने बरसात होते हुए देखी तो नहीं पर आपको भरोसा है कि बरसात हुई होगी। ये inference है।
    • कुछ देखकर किसी और चीज के होने का अनुमान कर लेना, इसको अनुमान कहते हैं।
  3. शब्द (Testimony या authority)
    • जैसे डॉक्‍टर के पास जाते हैं, आपको भरोसा है कि ये व्यक्ति इस चीज के मामले में प्रामाणिक है, इसको जानकारी है|
    • ये शब्द प्रमाण है, कि प्रामाणिक व्यक्ति कह रहा है तो ठीक कह रहा होगा।
    • "आपतो उपदेश: शब्द:" इसको बोलते हैं।
  4. उपमान (Comparison)
    • कुछ देखा हुआ था, उससे compare करके कुछ information हासिल कर ली।
    • Comparison करके जब जान लिया, इसको उपमान कहते हैं।
  5. अर्थापत्ति (Implication)
    • जब दो contradiction हों, contradictions को establish करने के लिए जो तरीके इस्‍तेमाल होते है|
    • जैसे आपके आसपास एक व्यक्ति है जो बिल्कुल नहीं पढ़ता है। दिनभर घूमता रहता है और exam में टॉप करता है हर बार।
      • क्‍या imply हो रहा है इससे?
      • इसका मतलब रात को जाग कर पढ़ता होगा।
  6. अनुपलब्धि (non existence)
    • किसी चीज के नहीं होने को जानना।

कुछ लोग मानते हैं केवल एक प्रमाण, कुछ मानते हैं दो, कुछ मानते हैं तीन, कुछ मानते हैं चार, कुछ मानते हैं पांच, कुछ मानते हैं छह।

  • चार्वाक अकेला है जो केवल एक प्रमाण मानता है, कि हम तो कुछ और मानेंगे ही नहीं, केवल प्रत्यक्ष मानेंगे, जो दिखता है उसको मानेंगे।
  • बौद्धों, वैषेशिकों ने दो प्रमाण मान लिए।
  • सांख्य-योग, वैष्णव-वेदांत ने तीन प्रमाण मान लिए।
  • न्याय ने चार माने|
  • प्रभाकर, मीमांसा ने पांच माने|
  • भट्ट, मीमांसा, अद्वैतवाद ने छह प्रमाण माने|

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